इस रात की सुबह नहीं
हर लम्हे की इन्तिहाँ नहीं होती
हर नीयत जवान नहीं होती
वक़्त लगता है दोस्त
बनके बिखरने
और बिखर कर बनने में
हर कोशिश कामयाब नहीं होती
हर वादे की सुबह नहीं होती
हर शिकवे की निज़ात नहीं होती
तुम लाख मनाओ दिल को
इस दिल में कभी रात नहीं होती
इस हमाम में सब दलाल है ऐ दोस्त
वरना क्या हमें अभी तक मोहब्बत नहीं होती
इतने तो हम भी मरें नहीं अभी
की दिल में कोई हरकत नहीं होती
तेरे इस शहर में ऐ दोस्त
मेरे दिल की कदर नहीं होती
दो आँसू बहा के हलके हो जाते हैं
वरना किस मोमिन के ज़ख्मों में दर्द नहीं होती
हम भी लपेटे बैठे है दामन को
पर इस रात की सुबह नहीं होती
हर नीयत जवान नहीं होती
वक़्त लगता है दोस्त
बनके बिखरने
और बिखर कर बनने में
हर कोशिश कामयाब नहीं होती
हर वादे की सुबह नहीं होती
हर शिकवे की निज़ात नहीं होती
तुम लाख मनाओ दिल को
इस दिल में कभी रात नहीं होती
इस हमाम में सब दलाल है ऐ दोस्त
वरना क्या हमें अभी तक मोहब्बत नहीं होती
इतने तो हम भी मरें नहीं अभी
की दिल में कोई हरकत नहीं होती
तेरे इस शहर में ऐ दोस्त
मेरे दिल की कदर नहीं होती
दो आँसू बहा के हलके हो जाते हैं
वरना किस मोमिन के ज़ख्मों में दर्द नहीं होती
हम भी लपेटे बैठे है दामन को
पर इस रात की सुबह नहीं होती
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