The pain of Love, when will it go?
यहाँ  हम  जान  दीये  बैठे  हैं ईमान  दीये  बैठे  हैं और  उन्हें न  फीक्र  है  न  फुर्सत जींदगी  उसी  तेज  रफ्तार  से  चली  जाती  है बस  देखने  का  नजरीया  बदल  गया सब  कुछ  दर्द  के  रंग  में  लीपट  दीखता  है  अब एक  फलसफा  सी  बन  गई  है  जींदगी हर  फलसफे  में  दीलासा  धुन्ड़ते  फीरते  है  हम इसी  उम्मीद  में  जीते  हैं  की शायद   यह  मंज़र  भी  गुज़र  जाएगा की  अब  दर्द  कम  होगा  त्ब  होगा झूठी  तसलिया  देते  फीरते  हैं की  हम  भूल  गए  उन्हें , उब़र  गए  इस  दलदल  से फीर  उसी  मंज्र  पे  आके  खड़ा  हो  जाता  है  कारवां जहाँ  से  निक्ला  था  ये रास्ता  भूल  गए  है  हम बस  एक  शून्य  है  जो  घुम्हाये  जाता  हैं  हमे बहुत  गुमान  था  हमे  अपने  ऊपर सब  बिखर  गया , टूट  गया एक  दर्द  है  बस  जो  नही  जाता कहते  है  वक्त  बहुत  बलवान  होता  है हम  भी  दुआ  कर  रहे  है की  वक्त  इतना  बलवान  हो  की हम  इस  दर्द  की  न्हर  से  निकले और  जिन्द्गि  की  तरफ़  चले न  जाने  कब  हो  ये पर  होगा  तो इसी  उम्मीद  पे  जीये  जाते  हैं दर्द  सीने  में  पीये  जाते  हैं ..